Tuesday, February 22, 2011

आजा तुझको पुकारे मेरा देश रे.............शिव शंकर

आजा तुझको पुकारे मेरा देश रे.......
ओ मेरे मितवा ..........
ओ माइ फ्रेन्डवा ...........
जबसे गये तुम छोड‍‍ के मुझको।
हमारा इण्डिया याद करे तुझको।।
तोड के आजा,छोड के आजा..........
लन्दन का परिवेश रे ......
तुमने ही ये देश सुधारा
भारत को इन्डिया पुकारा
तेरी शिक्षा,तेरी भिक्षा
तन पर तेरा वेश रे....... आजा ......

हे बर्किघम पैलेस के चैकिदारों.........आ भी जाओ ..........बिना तुम्हारे,यहां पधारे.......... यह देश कण्ट्री नहीं बन सकता। बिना तुम्हारी दया के यह हिन्दुस्तान पूरी तरह इण्डिया नहीं बन सकता । हे मेरे फिरंगी भाई ! सन् 1947 से अब तक, हमारी याद क्यों न आई ?
अब तो आ ही जाओ ! हमारा इण्डिया , तुम्हारी दी हुई आजादी की, गोल्डन जुबली मना चुका। आपका बनाया कानून, आपकी बाट जोह रहा है। कम सून।
आपकी एजूकेशन पॉलिसी आइमीन शिक्षा नीति आपकी दी हुई डिग्रियां बांट रही है। आपके चेले चपाटी लिट‍्टी चोखा भी छूरी-काटा से खा रहे हैं। प्लीज कम....... मोस्ट वेलकम......... आइये और आकर हमारे इणडिया की गरीबी दूर कीजिए। वाह........ वाह.......... बहुत अच्छा........ काम हो रहा है मेरे भाई ! गोरो को भी पूरा विश्वास था कि एक न एक दिन उनको इण्डिया में जरुर वापस बुलाया जायेगा ।आखिर वो अपनी मर्जी से थोडे ही गये थे ........ इसीलिए जाते जाते उन्होने अपने वापसी का इंतजाम कर लिया था ।
जैसे लग रहा है कि जिसे हम अपनी आजादी कह रहे थे वो....... ट्रान्सफर आफ पावर .......अर्थात कूर्सी की अदला बदली लग रहा है ........जैसे इण्डिया का शासन कूछ दिनो के लिए पट्टा पर दे दिया गया था।
तभी तो सब कानून गोरो वाला ही चल रहा है। कांग्रेस को सत्ता सैंपते समय गोरो ने कहा था .........मेरे कांग्रेसी बन्धुओं आप हमारा संविधान ले लो... । हमारा कानून ले लो....।आखिर इन्ही कायदे कानूनों से हमनें दो सौ साल तक राज किया तुम्हें भी हमारी तरह ऐश करना है तो नये कायदे कानून बनाने के झंझट में मत पडो.... नो .....।
अब देखिये ना हमारे देश मे स्वयं का कानून है ...........लेकिन गोरो के बनाये कानून आज भी हमारे देश मे चल रहे हैं। स्वामी भक्ति का ऐसा उदाहरण दुनिया के किसी भी इतिहास में नहीं मिल सकता हैं।
हर मजेस्टी क्वीन विक्टोरिया, एलीजाबेथ, लार्ड क्लाइव, जनरल डायर ही नहीं ..........जार्ज पंचम ने भी नहीं सोचा होगा कि उनके जाने के 50 साल बाद भी उन्हीं के कानून हिन्दुस्तान में हूकूमत कर रहें होगे।
नेता बन्धु कहते है क्या खराबी है इन कानूनों में............... ? खराबी ? ढूढते रह जाओगें........... यह अंग्रेजी कानूनों का ही कमाल है कि आज तक किसी भी बडे आदमी को सजा नहीं हुई।
अमां यार........ ये तो अच्छा ही हुआ कि........... सरकार ने अंग्रेजों का कानून नहीं बदला नहीं तो एक पंचवर्षीय योजना का सारा पैसा जेल बनवाने में ही खर्च हो जाता .........।
अंग्रेज ये जानते थे कि जिस कौम को नष्ट करना हो तो उसकी शिक्षा प्रणाली ही बदल दो.......... आहा हा .........स्कूलो कॉलेजों में अपने वंशजों को जीता जागता देखकर अंग्रेजों की आत्मायें गद् गद् हो रही होंगी ।
कुछ महान लोग कहेगें कि क्या यार वही आर एस एस वाली भाषा बोलते हो ...........अब कोई विदेशी सुदेशी नहीं हैं दुनिया एक दम पास आ गई हैं। आ रहा है ...........रोजगार.............. व्यापार .............सुख का संसार।
वाह रे मेरे यार........... क्या बात है .............अगर इण्डिया ने अंग्रेजों से फिर से वापस आने की पेशकश नहीं किया होता तो च, च, च, देश तबाह हो जाता........... अब तो ..........अब तो क्या ? अब चिन्ता की कोई बात नहीं है ।अब विदेशी कम्पनियां आयेगी और आते ही इण्डिया का सारा कर्जा चुका देगीं ..............अरबों डालर कर्जा .........और क्या ? अब हमें क्या एतराज है ? .........जब कोई पार्टी विदेशी कम्पनियों का विरोध नहीं कर रही है तो हम लोग काहे विंचिंया रहे है ? सभी पार्टियों की आत्मा एक है। झण्डा,बैनर अलग-अलग है। किसी को भी विदेशी सौदे से एतराज नहीं है क्यों.......? क्योंकि वे दिन लद गये जब कमिशन खाना देशद्रोह माना जाता था। हे विदेशी कम्पनियों देश से गरीबों को हटाओं............. आईमीन,...........गरीबी मिटाओं।
कौन कह सकता है कि अंग्रेज चले गये हैं। हमारे उठने-बैठने, खाने-पीने, सांस लेने में, जीवन की हर गतिविधि में अंग्रेज मौजूद हैं। कहां है अंग्रेज ? कहॉ नही है अंग्रेज..........? काला कोट पहनकर आदालत में ..........खाकी वर्दी पहनकर थाने में ..........लिप्तन की चुस्की लेता हर ड्रॉइंग रुम में.............. काला चोंगा पहनकर डिग्री बांटता है अंग्रेज.................... रेसकोर्स में घोडे की तरह हिनहिनाता है अंग्रेज.................. 31दिसम्बर की रात में डिस्को करता ..............भॉगडा करता,नशे में धुत ..............हर सडक पर है । अंग्रेज हर घर में केक काट रहा है। हैप्पी बर्थ-डे गा रहा है। अंग्रेज वेलेन्टाइन डे मना रहा है। लोकतंत्र अंग्रेजों का ..............कायदा कानून अंग्रेजों का ...........शिक्षा पद्दति अंग्रेजों की ........... भाषा भूषा अंग्रेजों की.............' कम से कम कपडे पहनो ' यह नारा लगा रहा है अंग्रेज ।
तभी तो मैं कह रहा हूं कि इतिहास में एक दिन ऐसा आयेगा जब आपको असली, खालिश और शुद्ध अंग्रेज सिर्फ हिन्दुस्तान में ही मिलेगें............... इंग्लैण्ड में नहीं...............।
सच में भाईयों अब सब जगह ही अंग्रेज दिखते हैं -
हमारे मम्मी डैडी मैं,
टू मिनट की मैगी मैं,
सबकी हेलो हाय में,
दूध की जगह चाय में,
बाप रे बाप............. सब जगह तो दिखता हैं .........
अंग्रेज.......... वाह -वाह अंग्रेज ही अंग्रेज..............


कुछ बात है कि हस्ती,मिटती नहीं हमारी ................
हमारी संस्कृति, हमारा धर्म, हमारे मानबिन्दु, हमारी परम्परायें हमारे जीवन की आधार हैं।
इनको हमें बचाना हैं।
भारत भव्य बनाना हे।

3 comments:

  1. bilkul sahi kaha aapne ...achchhi prastuti ke liye badhai.

    ReplyDelete
  2. शालिनी जी,धन्यवाद।

    ReplyDelete
  3. बहुत सुंदर रचना बाधाई
    कभी समय मिले तो http://shiva12877.blogspot.com ब्लॉग पर भी अपनी एक नज़र डालें,
    कृपया फालोवर बनकर उत्साह वर्धन कीजिये.

    ReplyDelete