Saturday, January 1, 2011

मनरेगा की महामाया

केन्द्र सरकार द्वारा चलाये महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा के पीछे सरकार का कुछ और मापदण्ड था, कि गांव से पलायन होकर लोग जीविकापार्जन के लिए शहर के ओर जा रहे है, अगर गांव मे ऐसी योजना लागू कि जाए जिससे लोग गांव मे ही रोजगार पा जाए और अपनी जीविका चला ले जिनके लिए सरकार ने हर वित्तीय वर्ष लोगो को १०० दिन का रोजगार दिलाने का वादा किया था । लेकिन जीविका दिलाने वाली इस योजना मे प्रधानो, ग्राम विकाश अधिकारियो जैसे लोग मिलकार इस योजना मे भ्रष्टाचार फैला रहे है । ग्राम प्रधानो ने तो इस योजना को कमायी का साधन बना लिया है ।
बीते कुछ महीनो मे ग्राम प्रधानो के चुनाव मे प्रत्याशी अपने समर्थको मे खुब पैसा खर्च किया । वे जानते थे कि प्रधान बनते ही केन्द्र द्वारा दिए राशी से वे खर्च किये पैसे से कही ज्यादा कमा लेगें , जो व्यक्ति चुनाव हार गया वो अपनी किस्मत को कोश रहा है,और जो नवर्निवाचित प्रधान है वो इस योजना मे फर्जी जाँब कार्ड,फर्जी कागजात बनाकर जनता और सरकार को मूर्ख बना रहे है । प्रधान अधूरे कामो को पूरा दिखाकर अपने खातो से पैसा उतारकर कमायी कर रहे है । अगर मनरेगा जैसे योजना मे केन्द्र सरकार जितना पैसा लगा रही है अगर गम्भीरता पू्र्वक उस पैसे को विकाश मे लगाया जाए तो गांव को चुस्त-दु्रुस्त बनाया जा सकता हैं ।

सरकार जानती है की अगर देश को पूरी तरह विकसित राष्ट बनाना है तो पहले नीचे से ही प्रयास करना होगा,अगर पंचायतो के माध्यम से ब्लाको का विकाश किया जाए तो जिलो के विकाश का रास्ता खुद ब खुद साफ हो जाएगा अगर हम जिलो का विकाश करने मे सफल रहे तो राज्य का विकाश स्वयं हो जायेगा ।सरकार की सोच सराहनीय है लेकिन सरकार को कोई भी योजना लागू करने से पहले एक कमेटी गठित करनी चाहिए जो उसके द्वारा बनाए योजना को सफल बनाने और इसमे फैले बुराईयो को नष्ट करने मे सहायक सिद्व हो सके । लेकिन सरकार ,सरकारी धन का दु्रुपयोग होते किंकर्त्तव्यविमुख होकर देख रही है,और लोग सरकारी धन को अपने जेबो मे भर रहे है जो कि देश और समाज के लिए शर्म की बात है ।

लोग पंचायत जैसे छोटे स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार को देखते हुए भी कुछ करने का प्रयास नहीं कर रहे है जो आज समाज के लिए नासूर बन गया है और आज यही भ्रष्टाचार पंचायत से उठ कर हमारी राजधानी दिल्ली तक पहुँच गई है, अगर हम इस भ्रष्टाचार को वही खत्म कर देते तो आज भारत को इन खरबो के घोटालो से बचाया जा सकता था । जो २जी स्पेक्ट्रम,कामनवेल्थ खेलो मे कमाये धन जो आज काला धन बन कर स्वीश बैंको मे शोभा बढा रहे है उन पैसो को हम रोक कर भारत की आर्थिक स्थिति को और मजबूत बना सकते थे और भारत मे फैले बेरोजगारी को कुछ हद तक कम कर सकते थे सरकार अपने द्वारा बनाये इन योजनाऒ मे फैले भ्रष्टाचार को जल्दी दूर करे नहीं ये योजना बस कमायी की योजना बन कर रह जाएगी ।

सरकार अपने द्वारा चलाये इन महत्वाकांक्षी योजना मे फैले भ्रष्टाचार को जल्दी दूर करें नही ये योजना बस कमायी की योजना बन कर रह जाएगी । सरकार को मनरेगा मे फैले भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए नए कानून बनाकर दोषियो पर कारवायी करना चाहिए और इस योजना मे कुछ ऐसे नए कानून बनाए जिससे सरकारी धन का दूरउपयोग न हो सके और योजना का लाभ केवल लाभार्थी को ही मिले नहीं ये योजना मनरेगा न रहकर सरकारी धन की महामाया बनकर रह जायेगी ।

1 comment:

  1. भईया जिस देश में सरकार तंत्र ही भ्रष्ट हो उससे हम क्या उम्मिद कर सकते हैण खैरा आपको पढना अच्छा लगा । अन्या लोगों के भी ब्लोग पढ़े और उत्साह वर्धन करें । हिन्दी ब्लोगिंग में स्वागत है आपका, निरन्तरता बनाये रखे, शुभकानायें ।

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